
धनतेरस 2025 – दीपक की सही दिशा और धन-सौभाग्य का रहस्य By Jyotish Acharya Manisha Agarwal | NumeroJyotish.in
Oct 18
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(The First Lamp of Light, The First Step Toward Prosperity)
धनतेरस केवल खरीदारी का दिन नहीं —यह प्रकाश, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करने का शुभ अवसर है।
इस दिन जलाए गए दीपक न केवल अंधकार को मिटाते हैं,बल्कि ग्रहों की ऊर्जा और धन के प्रवाह को भी सक्रिय करते हैं।
लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि दीपक की दिशा (mukh disha) भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।सही दिशा में जलाया गया दीपक लक्ष्मी कृपा, आरोग्य, और स्थायित्व प्रदान करता है,जबकि गलत दिशा का दीपक ऊर्जा का संतुलन बिगाड़ सकता है।
दीपक की दिशा का ज्योतिषीय महत्व
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चारों दिशाएँ अलग-अलग देव शक्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं।दीपक इन दिशाओं से जुड़ी ऊर्जा को सक्रिय करता है, इसलिए प्रत्येक दिशा का अपना प्रभाव होता है।
दीपक की दिशा अनुसार फल
1. उत्तर दिशा – कुबेर का प्रवेश द्वार
यह दिशा कुबेर देवता की मानी जाती है।धनतेरस के दिन मुख्य द्वार पर उत्तर दिशा की ओर मुख वाला दीपक जलाना अत्यंत शुभ है।
फल:
धन वृद्धि और आर्थिक स्थिरता।
तिजोरी या व्यापार में धन प्रवाह बना रहता है।
लक्ष्मी कृपा निरंतर बनी रहती है।
उपाय:मुख्य द्वार पर घी का दीप जलाएँ और “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं नमः” मंत्र जपें।
2. पूर्व दिशा – ज्ञान और शांति का प्रकाश
पूर्व दिशा सूर्य देव की है।पूजा स्थल में दीपक का मुख पूर्व दिशा में रखें।
फल:
मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतुलन।
घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
परिवार में सौहार्द और एकता।
3. दक्षिण दिशा – नकारात्मकता से रक्षा
यह दिशा यमराज की मानी जाती है।धनतेरस की संध्या पर घर के बाहर या दक्षिण दीवार के पास दक्षिण मुखी दीपक जलाएँ।
फल:
भय, रोग और मृत्यु दोष से रक्षा।
परिवार की सुरक्षा और स्थायित्व।
नकारात्मक शक्तियों का नाश।
उपाय:तिल के तेल का दीप जलाकर प्रार्थना करें —“यमराज कृपा करें, मेरे घर का कल्याण करें।”
4. पश्चिम दिशा – स्थिरता और संतुलन
यह दिशा वरुण देव की मानी जाती है।पश्चिम दिशा में दीपक रखने से घर की ऊर्जा संतुलित रहती है।
फल:
मानसिक एकाग्रता और स्थिर विचार।
संबंधों में सामंजस्य।
दीर्घकालिक सफलता।
5. तुलसी पूजन दीपक – आरोग्य और शांति
तुलसी के पास दीपक का मुख पूर्व या उत्तर दिशा में रखें।
फल:
घर में आरोग्य, शुद्धता और सौभाग्य बढ़ता है।
पारिवारिक सुख और रोगों से सुरक्षा।
धनतेरस विशेष दीपदान विधि
मुख्य द्वार पर: उत्तर दिशा में घी का दीपक — लक्ष्मी आगमन हेतु।
घर के भीतर: पूजा स्थल पर पूर्व मुखी दीपक — आत्मशांति हेतु।
घर के बाहर: दक्षिण मुखी दीपक — यमराज को दीपदान (रक्षा हेतु)।
तुलसी के पास: पूर्व या उत्तर म ुखी दीपक — आरोग्य और सौभाग्य हेतु।
ज्योतिषीय दृष्टि से
धनतेरस के दिन सूर्य, शुक्र और बृहस्पति की ऊर्जा सक्रिय रहती है।दीपक इन ग्रहों की अग्नि और तेज ऊर्जा को स्थिर करता है।सही दिशा में दीपक जलाना इन ग्रहों के शुभ प्रभाव को बढ़ाता है,जिससे व्यक्ति के जीवन में धन, स्वास्थ्य और आत्मबल में वृद्धि होती है।
निष्कर्ष
धनतेरस का दीपक केवल एक प्रतीक नहीं —यह सकारात्मक ऊर्जा का वाहक है।यदि श्रद्धा और सही दिशा के साथ दीप जलाया जाए,तो यह घर के ह र कोने में प्रकाश ही नहीं, भाग्य का द्वार भी खोलता है।
ध्यान रखें:जो दीप सही दिशा में जलता है, वही पूरे वर्ष आपके जीवन को प्रकाशित करता है।
परामर्श हेतु
Jyotish Acharya Manisha Agarwal📞 98303 89477 🌐 www.numerojyotish.in
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