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शनिवार का विशेष संयोग: राहु काल और प्रदोष व्रत साथ-साथ

Oct 3

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क्या आप जानते हैं? कल बन रहा है एक दुर्लभ योग – शनिवार, राहु काल और प्रदोष व्रत एक साथ। जानें क्या करें, क्या न करें।
क्या आप जानते हैं? कल बन रहा है एक दुर्लभ योग – शनिवार, राहु काल और प्रदोष व्रत एक साथ। जानें क्या करें, क्या न करें।

4 अक्टूबर 2025 को एक अद्भुत योग बन रहा है।इस दिन तीन शक्तिशाली संयोग एक साथ पड़ रहे हैं –

  1. शनिवार (Shanivaar) – शनि देव का दिन।

  2. राहु काल (Rahu Kaal) – निर्णय और ऊर्जा का विशेष समय।

  3. प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) – भगवान शिव की आराधना का पावन अवसर।

यह संयोग हर साल नहीं बनता। इसलिए इस दिन किए गए साधना, पूजन और दान के फल कई गुना अधिक मिलते हैं।


पौराणिक संदर्भ

  • शनि देव न्याय के देवता हैं। वे हमारे कर्मों का फल देते हैं।

  • राहु मोह, माया और भ्रम का प्रतीक है। यह अचानक उतार-चढ़ाव लाता है।

  • प्रदोष व्रत शिव-पार्वती की कृपा पाने और पापों से मुक्ति का अवसर है।


जब ये तीन शक्तियाँ एक साथ हों, तो यह समय कर्म शुद्धि, ऋण मुक्ति और आत्मिक उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है।


ज्योतिषीय दृष्टि से प्रभाव

  1. करियर – राहु का प्रभाव भ्रम और अस्थिरता लाता है, लेकिन शिव साधना से निर्णय क्षमता बढ़ती है।

  2. धन – शनि और राहु से जुड़ी बाधाएँ दूर होती हैं, अप्रत्याशित लाभ संभव है।

  3. स्वास्थ्य – राहु और शनि के कारण होने वाली मानसिक चिंता कम होती है।

  4. संबंध – प्रदोष व्रत दांपत्य और पारिवारिक रिश्तों में सौहार्द लाता है।


क्या करें (Do’s)

  • राहु काल और प्रदोष काल में शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करें।

  • 108 बार “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।

  • पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएँ।

  • शनि मंदिर में तेल और काले तिल अर्पित करें।

  • जरूरतमंदों को भोजन और काला कपड़ा दान करें।


क्या न करें (Don’ts)

  • राहु काल में नए कार्य, निवेश या यात्रा शुरू न करें।

  • किसी के साथ वाद-विवाद या अपमानजनक व्यवहार न करें।

  • आलस्य, क्रोध और नकारात्मक सोच से बचें।


विशेष उपाय

1. करियर व नौकरी स्थिरता के लिए

  • राहु काल में 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।

  • शनिवार की शाम शनि मंदिर में दीपक जलाएँ।

2. धन और व्यवसाय में वृद्धि के लिए

  • प्रदोष काल में 21 बिल्वपत्र शिवलिंग पर चढ़ाएँ।

  • घर की तिजोरी में 7 कौड़ियाँ लाल कपड़े में रखें।

3. स्वास्थ्य लाभ के लिए

  • शिवलिंग पर जल में काले तिल मिलाकर अभिषेक करें।

  • “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे” महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

4. पारिवारिक सौहार्द के लिए

  • राहु काल में घर के उत्तर-पूर्व दिशा में दीपक जलाएँ।

  • प्रदोष काल में परिवार सहित शिव आरती करें।


निष्कर्ष

शनिवार + राहु काल + प्रदोष व्रत का यह संयोग अत्यंत दुर्लभ और फलदायी है।यदि श्रद्धा और विधि से पूजा की जाए तो –

  • ग्रह दोष शांत होते हैं,

  • ऋण और बाधाएँ दूर होती हैं,

  • जीवन में स्थायी शांति और समृद्धि आती है।

यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे कर्म ही भविष्य का निर्माण करते हैं — और सही समय पर की गई साधना हमारे भाग्य को बदल सकती है।


परामर्श हेतु

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 शनिवार का विशेष संयोग – राहु काल और प्रदोष व्रत साथ-साथ | NumeroJyotish

 4 अक्टूबर 2025 को शनिवार, राहु काल और प्रदोष व्रत का अद्भुत संयोग। जानिए क्या करें, क्या न करें, और करियर, धन, स्वास्थ्य व रिश्तों के उपाय।

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